वारिस पंजाब दे के अमृतपाल सिंह से जुड़े सबूत रिकॉर्ड में आए पंजाब न्यूज़लाइन, चंडीगढ़, 18 अक्टूबर- पंजाब को एक सुरक्षित राज्य बनाने के लिए चल रहे अभियान के बीच एक महत्वपूर्ण सफलता में पंजाब पुलिस ने गुरप्रीत सिंह हरि नौ की हत्या के मामले को सुलझा लिया है। गैंगस्टर से आतंकवादी बने अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला के तीन सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ भोदी के रूप में, जो मास्टरमाइंड के रूप में उभरा, डीजीपी गौरव यादव ने शुक्रवार को यहां कहा। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान बिलाल अहमद उर्फ फौजी, गुरमरदीप सिंह उर्फ पोंटू और अर्शदीप सिंह उर्फ झंडू के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, गुरप्रीत सिंह हरी नौ उर्फ भोदी की 9 अक्टूबर, 2024 को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह अपनी मोटरसाइकिल हीरो स्प्लेंडर नंबर पीबी-04यू-3258 पर गांव के गुरुद्वारा साहिब से वापस घर लौट रहा था। डीजीपी ने कहा कि जांच के दौरान हत्या की साजिश में वारिस पंजाब डे (डब्ल्यूपीडी) के अमृतपाल सिंह की भूमिका का संकेत देने वाले सबूत रिकॉर्ड पर आए हैं। डीजीपी ने कहा कि जांच से पता चला है कि गुरप्रीत सिंह की हत्या की साजिश विदेश से अर्श दल्ला और अन्य व्यक्तियों ने रची थी। हत्या की रेकी करने और उसे अंजाम देने के लिए अलग-अलग मॉड्यूल का इस्तेमाल किया गया है, साजिश को नाकाम करने के लिए विदेश में बैठे अलग-अलग हैंडलर्स का इस्तेमाल किया गया है।
पुलिस ने गुरप्रीत सिंह मर्डर केस को सुलझाया, अर्श दल्ला मास्टरमाइंड के रूप में उभरा; RECCEE मॉड्यूल के तीन लोग पकड़े गए
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